Punishment for violating Lockdown and Curfew in India (Hindi)
भारत में COVID-19 मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण हमारे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को घातक वायरस COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए 21 दिनों के लिए देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) की घोषणा की थी। इस देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) को 14 मार्च को माननीय प्रधान मंत्री जी ने 3 मई तक बढ़ा दिया है. देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) में देश के अधिकांश नागरिकों ने अथाह संयम का परिचय दिया है. कुछ ऐसे भी है जिन्होंने इसका पालन नहीं किया। इस कारन जिन्होंने पालन नहीं किया उनके खिलाफ पुलिस ने IPC की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज़ किया है. तो आज इस लेख में आपको यही बताने बाला हूँ कि पुलिस ने किन किन धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया है.
मूल रूप से लॉकडाउन का मतलब है कि लोगों को घर के अंदर रहने की जरूरत है, लेकिन आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए बाहर जा सकते हैं। सड़क के साथ-साथ रेलवे, बस इत्यादि पर अंकुश हैं. देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) में लोग केवल तभी आवागमन कर सकते हैं जब उनके पास राज्य सरकार द्वारा जारी ई पास या कर्फ्यू पास हों.
Punishments for violating Lockdown and Curfew in India |
देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) में कई राज्यों ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है, जो पांच से अधिक लोगों को एक समूह में इकट्ठा करने से रोकती है। हिंसा करने वालों को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।
इसके अलावा जिन राज्यों में स्थिति ज्यादा गंभीर है, जिनमें लोग धारा 144 का पालन नहीं कर रहे हैं, उन राज्यों ने कर्फ्यू लगा दिया है, जहां हर किसी को घर पर रहने के लिए मज़बूर किया जाता है. यह धारा 144 लागू करने की तुलना में सख्त है, जिसमें लोग अपने घर से बाहर जा सकते हैं, लेकिन चार या अधिक के समूहों में नहीं जा सकते हैं या इकट्ठा नहीं कर सकते हैं। कर्फ्यू के उल्लंघन से पुलिस द्वारा तत्काल हिरासत में लिया जा सकता है। Read also...Apply
e-pass for all Indian States (Hindi)
इस लेख में मैं आपको बताता हूँ कि आप यदि देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) तथा कर्फ्यू का उलंघन करते है तो आपको किन-किन धाराओं में बुक किया जा सकता है.
1 .धारा 188 भा0 दंड0 संहिता0
जो भी कोई भी यह जानते हुए कि लोक सेवक विधिपूर्वक सशक्त है, वह ऐसे लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित किसी आदेश/ निदेश की अवज्ञा करेगा। यदि ऐसी अवज्ञा विधिपूर्वक नियुक्त व्यक्तियों को क्षति, बाधा, क्षोभ कारित करे, या कारित करने की प्रवॄत्ति रखें तो उसे-
- किसी एक अवधि के लिए सादा कारावास की सजा जिसे एक मास (01 Month) तक बढ़ाया जा सकता है, या 200 रुपए तक के आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाता है;
- और यदि ऐसी अवज्ञा मानव जीवन (Human Life ), स्वास्थ्य (Health) या सुरक्षा (Security) को संकट कारित करे, या कारित करने की प्रवॄत्ति रखती हो, या उपद्रव या दंगा कारित करती हो, तो उसे छह मास तक बढ़ाया जा सकने बाले कारावास से या एक हजार रुपए तक के आर्थिक दण्ड या दोनों से दण्डित किया जाता है।
लागू अपराध:-
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। (उरोक्त दोनों)
Note- महामारी अधिनियम 1897 (Pandemic act 1897) में कुल चार धाराएं हैं जिसमे तीसरी धारा कहती है की यदि महामारी अधिनियम में बनाएं गए राज्यों या केंद्र सरकार के नियमों का उलंघन होता है तो धारा 3 के अनुसार दंड दिया जाता है. धारा 3 इस प्रकार है-
धारा 3. शास्ति (महामारी अधिनियम 1897 ):-
इस अधिनियम के अधीन बनाए गए किसी विनियम या आदेश की अवज्ञा करने वाले किसी व्यक्ति के विषय में यह समझा जाएगा कि उसने भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 188 के अधीन दण्डनीय अपराध किया है।
इस कारण आपने पढ़ा होगा की Lockdown तथा कर्फ्यू के उलंघन करने पर धारा 188 IPC के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है.
2. धारा 269 आईपीसी (IPC Section)
जो कोई उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग (जैसे Covid 19) का संक्रम फैलना संभाव्य हो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाता है।
लागू अपराध:-
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
लागू अपराध:-
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
3. धारा 270 आईपीसी (IPC Section)
जो कोई परिद्वेष (द्वेष पूर्वक) ऐसा कोई कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण किसी रोग का संक्रमण फैलना संभाव्य है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा ।
लागू अपराध:-
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
4. धारा 271 आईपीसी (IPC Section)
धारा 271 आईपीसी- करन्तीन (Quarantine) के नियम की अवज्ञा करनाजो कोई किसी जलयान को करन्तीन (Quarantine)की स्थिति में रखे जाने के, जहां कोई संक्रामक रोग फैल रहा हो. बनाए गए किसी नियम को जानते हुए अवज्ञा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाता है।
लागू अपराध:-
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मेजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
5. आईपीसी की धारा 124A (Sedition)
Indian Penal Code की धारा 124A के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति लिखकर, बोलकर या फिर किसी अन्य तरीके से भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार (against legal established Government) के खिलाफ नफरत (Hate), शत्रुता (enmity) या फिर अवमानना (contempt) पैदा करेगा, उसको राजद्रोह (sedition) का दोषी माना जाएगा. इसके लिए तीन वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
दोस्तों देशव्यापी तालाबंदी (Lockdown) तथा कर्फ्यू का उलंघन करने पर उपरोक्त धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर चालान किया जा रहा है/ किया जा सकता है.
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