Equipercentile Method in Hindi | Normalization in Hindi
नमस्कार दोस्तों, मैं आज इस लेख में आपको बताने वाला हूं कि Equipercentile method क्या होता है। आजकल जितने भी एग्जाम ऑनलाइन या ऑफलाइन होते हैं जिनमें दो या दो से अधिक पेपर सेट बनते हैं। उनमें Equipercentile method या नॉर्मलाइजेशन (Normalization) का प्रयोग किया जाता है। इसका सीधा सा मतलब यह है की यदि किसी परीक्षा में आसान पेपर होता है तथा किसी में भारी पेपर होता है तो आसान पेपर तथा भारी पेपर को एक स्तर पर लाने के लिए Equipercentile method का इस्तेमाल किया जाता है। IBPS या bank exam के अलावा अन्य बहुत सी परीक्षा जैसे यूपी उपनिरीक्षक इत्यादि प्रतिष्ठित एग्जाम में Equipercentile method का इस्तेमाल किया जाता है। इस Equipercentile method से Hard paper तथा Easy paper को एक स्तर पर लाया जाता है। यदि कोई स्टूडेंट यह कहता है कि मेरी शिफ्ट में पेपर भारी था और किसी में पेपर आसान था तो ऐसी स्थिति में अत्यावश्यक है दोनों को एक स्तर पर लाने के लिए इक्यू परसेंटाइल मेथड (Equipercentile method) का इस्तेमाल किया जाता है।
Equipercentile method क्या होता है, इसको जानने के लिए एक hard shift का paper तथा एक easy shift का paper का उदाहरण से समझते है-
Shift 1- Easy paper
माना कि पहली शिफ्ट में 20 अभ्यर्थी पेपर देते हैं और यह पेपर आसान होता है तथा उस पेपर में कुल अंक 50 होते हैं तथा अमित नाम का अभ्यर्थी 50 में से 49 अंक प्राप्त करता है।
निम्नलिखित टेबल के अनुसार 50 में से अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की रैंक अभ्यर्थियों के नाम के सम्मुख लिखी गयी है। मतलब यदि कोई व्यक्ति टॉप करता है तो उसकी रैंक पहली होगी तथा यदि कोई अभ्यर्थी दूसरे नम्बर पर रहता है तो उसकी रैंक दो होगी। इसी तरह से अन्य अभ्यर्थी की रैंक उनके नाम के सामने लिखी जाती है। Table में अभ्यर्थी के नाम, प्राप्तांक तथा उनकी रैंक दर्शायी गई है-
Equipercentile method में अभ्यर्थी की परसेंटाइल रैंक बहुत महत्व भूमिका निभाती है। परसेंटाइल रैंक अभ्यर्थियों के रैंक पर निर्भर करती है। परसेंटाइल निकालने का फार्मूला निम्न
प्रकार है-
परसेंटाइल फार्मूला में रैंक रखने के बाद निम्न table तैयार होती है, जिसमें अभ्यर्थी की परसेंटाइल रैंक, अभ्यर्थियों के नाम के सम्मुख दर्शायी गई है-
Shift 2 Hard paper
दूसरी शिफ्ट में मान लेते हैं कि 24 कुल अभ्यर्थी होते हैं जिन्होंने परीक्षा दी है तथा इसमें नितिन नाम के लड़के ने 25 मार्क्स 50 में से प्राप्त किए हैं, तो उपरोक्त फार्मूले में 24 अभ्यर्थियों की प्राप्तांक, रैंक तथा परसेंटाइल रैंक सम्मुख दिखायी गई है।
उपरोक्त दोनों टेबल के अवलोकन से कौन अभ्यर्थी उत्तीर्ण होगा, आसानी से निकाला जा सकता है। परसेंटाइल रैंक की कट ऑफ उपलब्ध रिक्त सीटों की संख्या पर निर्भर करती है।
मान लेते हैं कि आयोग या बोर्ड द्वारा 75% इक्यू परसेंटाइल रैंक (Equapercentile Rank) कट ऑफ तय की जाती है तो shift 1 में जिस में paper easy था निम्नलिखित भर्ती सफल होंगे तथा जिसका paper hard था उसके निम्नलिखित अभ्यर्थी उपरोक्त कट ऑफ पर चुने जाएंगे।
इस प्रकार हम स्पष्ट रूप से यह कह सकते हैं कि shift 1 जिसमें आसान पेपर था उसमें 5 अभ्यर्थियों सिलेक्शन हुआ है तथा shift 2 जिसमें भारी पेपर था उसमें 6 अभ्यार्थियों का चयन हुआ है।
उपरोक्त चयन परसेंटाइल रैंक के आधार पर हुआ है। इसे ही Equipercentile method कहते हैं। Shift 1 में अमित जो 50 में से 49 अंक लाता है जिसकी shift का पेपर आसान होता है तथा शिफ्ट 2 में नितिन जो 50 में से 25 अंक पाता है उसकी शिफ्ट का paper भारी होता है। दोनों ही Hundred percentile पाते है यानी कि दोनों एग्जाम को टॉप करते हैं तथा उनकी एक रैंक होती है। अतः दोनों को एक स्तर पर सामान्यीकरण कर एक स्तर पर रखा जाता है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आपने चाहे भारी पेपर दिया हो या आसान पेपर यदि पेपर आसान है तो वह सभी के लिए आसान है यदि पेपर भारी है तो वह सभी के लिए भारी है।
उपरोक्त के विश्लेषण से स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। यदि कोई परीक्षा विभिन्न शिफ्ट में होती है तो जाहिर सी बात है कि उसके लिए अलग अलग पेपर सेट तैयार किए जाएंगे। कुछ स्विफ्ट के पेपर आसान होंगे तथा कुछ स्विफ्ट के मुश्किल होंगे। इक्यू परसेंटाइल मेथड (Equipercentile method ) में किसी अभ्यर्थी द्वारा गए प्राप्त किये गए अंक से महत्वपूर्ण उनकी रैंक होती है जो अभ्यर्थी एग्जाम में जितनी अच्छी रैंक लाएगा उसकी उतनी ही अच्छी परसेंटाइल होगी तथा उन अभ्यर्थियों के चयन होने की उतनी ही अधिक संभावना होगी।
पेपर को जिसमे Equipercentile method का प्रावधान हो हल करते हुए निम्न बातों का ख्याल रखें।
नंबर 1 प्रत्येक प्रश्न को अपनी योग्यता के अनुसार हल करें।
नंबर 2 यह चिंता ना करे कि आप का पेपर आसान है या भारी दोनों स्विफ्ट के स्कोर Normalize किए जाएंगे।
आशा करता हूं कि इस लेख से आपको Equipercentile method के बारे में समझने में मदद मिली होगी। कृपया इस article Share करें।
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