What is the rules of Medical Reimbursement for Uttar Pradesh Government Servant
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2014 वर्ष 2011 में बनी थी. इस नियमावली का यह प्रथम संशोधन है. इस नियामवली से उत्तर प्रदेश पुलिस के सेवारत तथा पेंशनर दोनों ही अपने तथा अपने आश्रित के मेडिकल खर्च को सरकार से प्रतिपूर्ति कर सकते है.
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा उपरोक्त विषयक पत्र भी जारी किया, जो पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के संबंध में था. पत्र का विवरण निम्न प्रकार है-
- पुलिस मुख्यालय के परिपत्र संख्या. बारह/ए-चिकित्सा निर्देश-2011 दिनांक 08-10-2011 तथा संख्या: 474/पाँच-6-14-1082/87टीसी दिनांक 04-03-2014.
- नियम-20 को संशोधित करते हुये कार्यरत/सेवानिवृत्त सरकारी सेवको के चिकिक्त्सा दावो हेतु स्वीकृतकर्ता अधिकारी को प्रतिनिधानित अधिकार कार्यालयाध्यक्ष को रू0 2,00,000/(रूपया दो लाख) तक विभागाध्यक्ष को रू0 5,00,000/-(रूपया पाँच लाख) तक, सरकार का प्रशासकीय विभाग रू0 10,00,000/-(रूपया दस लाख) तक तथा रू0 10,00,000/-(रूपया दस लाख) से अधिक के दावे वित्त विभाग के पुर्वानुमोदन और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संस्तुति के पश्चात सरकार के प्रशासकीय विभाग को प्रदान किये गये है।
- किसी लाभार्थी को निःशुल्क चिकित्सा उपचार तभी उपलब्ध होगा जब उसके द्वारा परिशिष्ट-क में दिये गये प्रारूप पर कार्यालयाध्यक्ष के हस्ताक्षर एवं मुहर से निर्गत एवं संख्यांकित स्वास्थ्य-पत्र के माध्यम से अपनी पहचान का प्रमाण प्रस्तुत | किया जायेगा। इस पत्र पर लगे फोटो पर कार्यालय की मुहर | इस प्रकार लगायी जायेगी कि फोटो और पत्र दोनों पर मुहर आंशिक रूप से लगी हो।
- परन्तु किसी पेंशनभोगी व्यक्ति के लिए उसका पद नाम, तैनाती का स्थान, मूल वेतन और वेतनमान, उसकी सेवानिवृत्ति/मृत्यु से पूर्व उसकी अंतिम तैनाती के अनुसार होगा, किन्तु स्वास्थ्य कार्ड उसके द्वारा पेंशन आहरित किये जाने के स्थान पर स्थित उसके सेवा के विभाग के कार्यालयाध्यक्ष द्वारा निर्गत किया जायेगा। सरकार भविष्य में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के स्थान पर उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवा पहचान पत्र (स्मार्ट कार्ड) चरणबद्ध रूप से जारी कर सकती है।
Uttar Pradesh Government Servant (Medical Care) (First Amendment) Rules, 2014 |
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संक्षिप्त नाम:
1- इस नियमावली का नाम उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2014 है.
परिवार का तात्पर्य
परिवार का तात्पर्य है :
पति या पत्नी, माता-पिता, बच्चे, सौतेले बच्चे, अविवाहित/ तलाकशुदा/परित्यक्त पुत्री, अविवाहित/तलाकशुदा/परित्यक्त बहनें, अवयस्क भाई और सौतेली माता से है, जो सरकारी सेवक पर पूर्णतः आश्रित है और सामान्यतया सरकारी सेवक के साथ निवास कर रहे हैं।
टिप्पणी-1 किसी परिवार सदस्यों, जिनकी उपचार आरम्भ होने के समय पर सभी स्रोतों से आय रू0-3500/- और रू0-3500/प्रतिमाह की मूल पेंशन पर अनुमन्य मंहगाई के योग से अधिक न हो, को पूर्णतया आश्रित माना जाएगा।
टिप्पणी-2 आश्रितों के लिये आय सीमा निम्नवत होगी:
(1) पुत्र- सेवायोजित हो जाने या 25 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने या विवाहित हो जाने तक, जो भी पहले हो।
(2) पुत्री- सेवायोजित हो जाने या विवाहित हो जाने तक, जो भी पहले हो।
(3) ऐसा पुत्र जो मानसिक या शारीरिक स्थायी निःशक्तता से ग्रस्त होजीवन पर्यन्त
(4) तलाकशुदा/पति से परित्याजित/विधवा आश्रित पुत्रियाँ और अविवाहित/तलाकशुदा/पति से परित्याजित विधवा आश्रित बहनें-जीवन पर्यन्त
(5) अवयस्क भाई- वयस्कता प्राप्त करने तक।
सरकारी चिकित्सालय का तात्पर्य
सरकारी चिकित्सालय का तात्पर्य राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे या किसी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से सहबद्ध चिकित्सालय से है.
प्राधिकृत संविदाकत चिकित्सालयों का तात्पर्य ऐसे चिकित्सालयों से है, जिनसे सी.जी.एच.एस. (केन्द्रीयित सरकारी स्वास्थ्य सेवायें) (Central Government Health Scheme-CGHS ) की दरों के सम मूल्य पर उपचार उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार द्वारा संविदा की गई है।
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वास सुविधा (Ward Facility)
किसी सरकारी चिकित्सालय या चिकित्सा महाविद्यालय या प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालय में अंतरंग उपचार (Indoor Treatment) के मामले में सभी लाभार्थियों को निम्नलिखित वास सुविधा निःशुल्क उपलब्ध कराई जायेगी। नीचे मूल वेतन+ग्रेड वेतन 6 पे वेतन के अनुसार है
- जिनका मूल वेतन+ग्रेड वेतन रू0-19000/-या अधिक है वह निजी या विशेष वार्ड लिए अधिकृत है.
- जिनका मूल वेतन+ग्रेड वेतन रू0-13000/-से अधिक तथा रू0-19000/- से कम है वह कर्मी सशुल्क वार्ड और
- जिनका मूल वेतन+ग्रेड वेतन रू0-13000/- या कम है वह सामान्य वार्ड के लिए अधिकृत है.
- किसी पेंशनभोगी द्वारा आहरित अंतिम मूल वेतन को हकदारी के अवधारण के लिए मूल वेतन माना जायेगा तथापि कोई पेंशनभोगी ऐसी सेवाओं से अनिम्नतर सेवाओं के लिए हकदार होगा जोकि वह अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पूर्व पाता रहा है.
- यदि कोई सेवारत कर्मी या पेंशनर कर्मी अपनी अधिकृत वार्ड से उच्च वार्ड की सुबिधा लेता है तो उसे उसकी वास्तविक हकदारी से बेहतर वास सुविधाए उपलब्ध कराये जाने की दशा में उसको अतिरिक्त व्यय स्वयं वहन करना होगा।
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बिना संदर्भ (Without Refer) के उपचार प्राप्त करने की सुविधा
कोई लाभार्थी स्वयं भुगतान करने पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के०जी०एम०यू० लखनऊ और सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में बिना संदर्भ के उपचार प्राप्त कर सकता है। ऐसा चिकित्सा परिचर्या या उपचार पर किया गया व्यय निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुतीकरण पर पूर्णतया प्रतिपूरणीय होगा।
प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालयों में संदर्भ के साथ (Referal) भुगतान के प्रति उपचार प्राप्त किया जा सकता है। नियमनुसार चिकित्सकीय देख-रेख या उपचार पर खर्च व्यय दावा प्रस्तुत किये जाने पर पूर्णतया प्रतिपूरणीय होगा।
राज्य के भीतर या बाहर तात्कालिक/आपात स्थिति में उपचार करने पर नियम
किसी लाभार्थी को राज्य के भीतर या बाहर तात्कालिक/आपात स्थिति में या यात्रा पर किसी निजी चिकित्सालय या प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालय में उपचार प्राप्त करने की अनुमन्यता होगी। उपचार की लागत राज्य के भीतर उपचार कराने की दशा में संजय गाँधी | स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान या राज्य से बाहर उपचार की दशा में अखिल | भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की दरों पर प्रतिपूरणीय होगी और प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालयों में उपचार कराने की दशा मे उपचार की लागत सी०जी०एच०एस० की दरों पर प्रतिपूरणीय होगी।
प्रतिबन्ध यह है कि:
(क) उपचारी चिकित्सक द्वारा आपात दशा प्रमाणित की जाय।
(ख) रोगी या उसके संबंधी द्वारा अपने कार्यालयाध्यक्ष को यथाशक्य शीघ्र किन्तु उपचार प्रारम्भ होने के दिनांक से 30 दिनों के भीतर सूचित कर दिया जाय।
(ग) आपात स्थिति में एअर एम्बुलेन्स पर होने वाले व्यय की धनराशि भी प्रतिपूणीय होगी।
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कार्यालय कार्य से या निजी कार्य से अन्य राज्यों को यात्रा जाने पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम
कार्यालय कार्य से या निजी कार्य के लिये यात्रा के दौरान अन्य राज्यों को गये सरकारी सेवक संबंधित राज्य के सरकारी चिकित्सालय या प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालय में चिकित्सा परिचर्या और उपचार पाने के हकदार होगे और उस पर उपगत हुआ वास्तविक व्यय पूर्णतया प्रतिपूरणीय होगा।
प्रतिबन्ध यह है कि
प्रदेश के बाहर निजी महाविद्यालयों, संस्थानों या निजी चिकित्सालयों में कराये गये उपचार पर उपगत व्यय की प्रतिपूर्ति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की दरों पर होगी तथा अन्य राज्यों में प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालय में कराये गये उपचार की प्रतिपूर्ति, सी0जी0एच0एस0 की दरों पर होगी।
विदेश जाने वाले सरकारी सेवकों के लिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम
कार्यालयीय यात्रा पर विदेश जाने वाले सरकारी सेवकों से यह प्रत्याशा की जाती है कि वे यात्रा एवं स्वास्थ्य बीमा पालिसी प्राप्त कर लें, जिससे कि आवश्यकता पड़ने की दशा में विदेश यात्रा के दौरान उन्हें चिकित्सकीय उपचार का लाभ बीमा योजना के अंतर्गत मिल सके। यात्रा एवं स्वास्थ्य बीमा पालिसी के बीमा प्रमियम की प्रतिपूर्ति यात्रा भत्ता देयक में टिकट के साथ की जा सकती है किन्तु किसी भी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा पृथक से किसी चिकित्सा प्रतिपूर्ति की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।
जटिल और गम्भीर बीमारियों के उपचार जिनका उपचार सरकारी चिकित्सालय या संदर्भित करने वाली संस्थाओं में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है
- जटिल और गम्भीर बीमारियों के उपचार के लिए, जिनके लिए सरकारी चिकित्सालय या संदर्भित करने वाली संस्थाओं में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है, संदर्भित करने वाली संस्था के आचार्य या विभागाध्यक्ष या सरकारी जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक या जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से अन्यून श्रेणी के उपचारी चिकित्सक द्वारा विशिष्ट उपचार और चिकित्सा परिचर्या के लिए रोगी को ऐसे निजी चिकित्सालय या संस्था को जिसे राज्य अथवा केन्द्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हो, संदर्भित किया जा सकता है।
- ऐसे निजी चिकित्सालय या संस्था में उपचार पर व्यय की प्रतिपूर्ति वास्तविक व्यय या राज्य के भीतर उपचार के लिए संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ की दरों या राज्य के बाहर हुए उपचार के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की दरों तक, जो भी कम हो, सीमित होगी। प्राधिकृत संविदाकृत चिकित्सालयों को संदर्भित मामलों पर उपगत व्यय की प्रतिपूर्ति सी०जी०एच०एस० की दरों पर की जाएगी।
निरन्तर उपचार की दशा में द्वितीय अग्रिम की स्वीकृति नियम
- किसी रोग के निरन्तर उपचार की दशा में, परिचारक चिकित्सक की सलाह और संस्तुति पर, विशिष्ट परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए द्वितीय अग्रिम की स्वीकृति इस शर्त के अधीन रहते हुए दी जा सकती है कि पूर्ववर्ती स्वीकृत अग्रिम को एक आंशिक दावा प्रस्तुत करके समायोजित किया गया है।
- यदि चिकित्सा अग्रिम स्वीकृत हो जाने के पश्चात उपचार नहीं प्रारम्भ होता है तो एसे अग्रिम की वापसी तीन महीनों में की जानी होगी और यदि ऐसे अग्रिम की वापसी तीन माह की अवधि के भीतर नहीं की जाती है तो दण्डात्मक ब्याज भी आरोपित किया जायेगा, जो भविष्य निधि पर लागू ब्याज की सामान्य दर से 2.5 प्रतिशत अधिक होगा।
तकनीकी परिक्षण के लिए सक्षम अधिकारी
तकनीकी परिक्षण के लिए सक्षम अधिकारी निम्न है:-
दावे की धनराशि
|
सक्षम प्राधिकारी
|
Rs. 50,000 /- तक
|
उपचारी या
संदर्भकर्ता सरकारी चिकित्सालय, आयुवैदिक, यूनानी और होम्योपैथी सरकारी चिकित्सालय का प्रभारी
चिकित्साधिकारी/अधीक्षक
|
Rs. 50,001 /-से
अधिक
|
उपचारी या
संदर्भकर्ता मुख्य सरकारी चिकित्सालय का मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/ चिकित्सा
अधीक्षक/ मुख्य चिकत्सिा अधिकारी/जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी या क्षेत्रीय,
आयुर्वेदिक एवं यूनानी
अधिकारी।
|
निजी चिकित्सालय
में विशिष्ट उपचार हेतु
|
नियम-13(क) में यथा उपबंधित संदर्भकर्ता संस्था
के चिकित्सा अधीक्षक/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या
आचार्य या विभागाध्यक्ष से अन्यून श्रेणी के उपचारी चिकित्सक द्वारा।
|
स्वाकर्ता प्राधिकारी
उपचार हेतु प्रतिपूर्ति दावा स्वीकृत करने के लिये सक्षम प्राधिकारी निम्नवत् होंगे :
कार्यरत/सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों के लिए:
दावे की धनराशि
|
स्वीकर्ता
प्राधिकारी
|
रू0
2,00,000/- तक
|
कार्यालयाध्यक्ष
|
रू0
2,00,000/- से अधिक रू0
5,00,000/ तक
|
विभागाध्यक्ष
|
रू0
5,00,000/- से रू० 10,00,000/-
तक
|
सरकार में
प्रशासकीय विभाग
|
रू0
10,00,000/- से अधिक
|
वित्त विभाग के पूर्वानुमोदन
और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संस्तुति के पश्चात सरकार में प्रशासकीय
विभाग।
|
चिकित्सा उपचार के लिए यात्रा की हकदारी
रोगी और परिचारक, यदि कोई हो, अपनी सरकारी यात्रा के हकदारी की सीमा तक अपने निवास से उपचार के स्थान तक निकटतम रेल मार्ग से जाने और वापस आने की ऐसी यात्रा हेतु भत्ता पाने का हकदार होगा तथापि, कोई दैनिक भत्ता अनुमन्य नहीं होगा।
वायुयान द्वारा यात्रा की अनुमति नियम
जटिल बीमारी की दशा में, प्राधिकृत चिकित्सा परिचारक की लिखित संस्तुति पर सरकार वायुयान द्वारा यात्रा की अनुमति दे सकती है। तथापि, ऐसी यात्रा पर कोई दैनिक भत्ता अनुमन्य नहीं होगा।
मूल नियमावली नीचे देखें:-
उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2014 PDF Downlod Link-
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I'm certainly not an expert, but I' ll try my hardest to explain what I do know and research what I don't know.
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