Indra Sawhney Case in Hindi | 50 % Ceiling in Reservation - Milestone Judgement Indra Sawhney vs Union of India 1992


Indra Sawhney Case in Hindi | 50 % Ceiling in Reservation - Milestone Judgement Indra Sawhney vs Union of India 1992

नमस्कार दोस्तों, आज इस लेख में, मैं बताने वाला हूं इंदिरा साहनी (Indra Sawhney Case)  50 % Ceiling in Reservation के बारे। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के संबंध में एक Landmark Judgement ( 50 % Ceiling in Reservation - Indra Sawhney vs Union of India 1992 ) दिया था जिसमें आरक्षण में 50 % सीलिंग की व्यवस्था दी थी। आज भी आरक्षण के संबंध में जितने उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के निर्णय आते हैं आरक्षण की 50 % ceiling के संबंध में उनमें Indra Sawhney vs Union of India 1992 के सम्बंध में Landmark Judgement को नजीर की तरह लिया जाता है।
बहुत सारे राज्य ऐसे हैं जिन्होंने 50 पर्सेंट की सीमा से अधिक का रिजर्वेशन किया तो संबंधित उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय ने 50 परसेंट की सीलिंग से ज्यादा आरक्षण देने के कारण उन दिए गए आरक्षण को निरस्त कर दिया।
You Can Watch Youtube Video On this Topic-

सन 1992 में इंदिरा साहनी का नाम घर-घर में गूंज रहा था क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरसिंह राव की सरकार के "फॉरवर्ड कोटा बिल" को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसमें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर 50 % का बैरियर लगा दिया था ( 50 % Ceiling in Reservation )
   
    इंद्रा साहनी पेशे से अधिवक्ता हैं और उन्होंने ही 27 परसेंट अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण या रिजर्वेशन को माननीय उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। इसलिए इस केस को इंद्रा साहनी बनाम भारत संघ, 1992 के नाम से जाना जाता है।

    मंडल कमीशन (Mandal Commission):

    Indra Sawhney vs Union of India 1992 के केस को समझने से पहले मंडल कमीशन को जानना अत्यावश्यक है। मंडल कमीशन ने जो recommendation दी गई थी उसको तत्कालीन बी पी सिंह सरकार ने क्रियान्वित करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 % का आरक्षण दिया था। इंद्रा साहनी ने इसको माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मंडल कमीशन की recommendation निम्न प्रकार थी-
    • अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण की व्यवस्था
    • आर्थिक रूप से पिछड़े के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था
    • प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था इत्यादि

    उपरोक्त तीनों Recommendation को तत्कालीन बी पी सिंह सरकार ने क्रियान्वित किया।
    Indra sawhney vs Union of india | 50 % Ceiling in Reservation | Reservation in India | Reservation and Supreme court Judgement | 50 % Ceiling in Reservation - Milestone Judgement Indra Sawhney vs Union of India 1992

    Milestone Judgement Indra Sawhney vs Union of India 1992:

    इंदिरा साहनी द्वारा कोर्ट में उपरोक्त को चुनौती दी गई जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय ने 9 सदस्यों की संविधान पीठ का गठन किया। संविधान पीठ ने 6:3 के बहुमत से निम्नलिखित निर्णय दिया|

    • उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 16(4) की विस्तृत व्याख्या की।
    • अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण कुछ सही माना।
    • अन्य पिछड़ा वर्ग को वर्गीकृत करने के लिए जाति (caste) को आधार माना तथा जो हिंदू नहीं हो उनकी Education या Social Factors को अन्य पिछड़ा वर्ग में वर्गीकृत करने के लिए आधार माना। ये इसलिए माना कि income ही एकमात्र factor नहीं हो सकता अन्य पिछड़ा वर्ग निर्धारित करने के लिए।
    • माननीय सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर की व्यवस्था थी जो वर्तमान समय मे अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 6 लाख है।
    • 10% आर्थिक पिछड़ों के लिए आरक्षण को असंवैधानिक माना।
    • प्रमोशन या प्रोन्नति में आरक्षण को असंवैधानिक माना।
    • सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया, कुछ मामलों में आरक्षण की व्यवस्था ना की जाए  जैसे Pilot, Scientist नाभिकीय वैज्ञानिक (Nuclear Scientist) मैं। उपरोक्त में चयन मेरिट (Merit) के आधार पर हो।

    निष्कर्ष (Conclusion)

    इस तरह से उपरोक्त से स्पष्ट है कि Indra Sawhney  vs Union of India 1992 केस आरक्षण के संबंध में Supreme Court का लैंडमार्क जजमेंट (Landmark Judgement) है और यह वर्तमान समय में भी उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय द्वारा नजीर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसी के आधार पर कई राज्यों में जब भी आरक्षण की सीमा को 50 परसेंट से अधिक किया गया तो उच्च तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा उसे 50 % की ceiling का अतिक्रमण करने के कारण असंवेधानिक माना।
    आशा करता हुँ कि आपको इस लेख से इंद्रा साहनी केस को समझने में मदद मिली होगी।

    Read also...
    1. भारतीय पुलिस अधिकारी की रैंक और बेज | Indian Police officer Rank and Badges
    2. पुलिस चालान के नियम तथा नागरिकों के अधिकार | Citizen Rights during Police Challan
    3. उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक तथा निरीक्षक सेवा नियमावली 2015 latest
    4. उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली (प्रथम संशोधन) 2017
    5. Zero FIR (शून्य प्राथमिकी) किसे कहते है | पुलिस #ZeroFIR (#0FIR) पर कैसे कारवाही करती है
    6. पुलिस FIR दर्ज न करे तो क्या करें
    7. FIR और NCR में अंतर
    8. झूठी FIR से कैसे बचें | How to Cancel Fake FIR (Section 482 Crpc)\
    9. FIR कौन दर्ज करा सकता है
    10. FIR के लिए प्रार्थना पत्र में क्या क्या लिखा जाता है
    11. FIR police complaint format hin hindi
    12. Legal Action for False FIR

    Post a Comment

    0 Comments